Uncategorizedअपराधउत्तराखंड

दून पुलिस को मिली बड़ी सफलता दोमुंहे सांप के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

खबर को सुने

दून पुलिस को मिली बड़ी सफलता दो मुंहे सांप के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

देहरादून : पुलिस कप्तान अजय सिंह को प्राप्त सूचना पर दून पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षित पशु तस्कर गिरोह का खुलासा कर 3 तस्करों को गिरफ्तार किया।

जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार को जनपद के पुलिस कप्तान देहरादून अजय सिंह को तांत्रिक क्रियाओं हेतु प्रयोग में आने वाले दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोआ(एरिक्स जॉनी) सांप को बेचने के उद्देश्य से हरियाणा के एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षित पशु तस्कर गिरोह “लाडवा गैंग’ के 03 सदस्यों के नहर रोड स्थित कूड़ा घाटी मार्ग विकासनगर पर एक बिना नंबर की सफेद स्विफ्ट कार मे दो मुंहा सांप लेकर बैठे होने के सम्बंध में गोपनीय सूचना प्राप्त हुई।

उक्त सूचना पर एसएसपी देहरादून द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु गठित पुलिस टीम को आवश्यक निर्देश दिए गए।
जिस क्रम में पुलिस टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए पुल नंबर-2 के पास घेराबंदी कर तीनों तस्करों 1.अनिल कुमार(उम्र40) पुत्र केवल कृष्ण,निवासी मोहल्ला महावीर कॉलोनी, मकान संख्या 98, थाना लाडवा, जिला कुरुक्षेत्र (हरियाणा) ,2.अशोक कुमार (उम्र50)पुत्र ओमप्रकाश, निवासी ग्राम जयरामपुर,थाना बुढ़िया, जिला यमुनानगर (हरियाणा),3. संदीप कुमार(उम्र41) पुत्र इन्द्र सिंह, निवासी मोहल्ला चकालन, धीरवाली, ज्वालापुर, हरिद्वार (उत्तराखंड),को वाहन सहित पकड कर वाहन की तलाशी गई तो वाहन की पिछली सीट पर एक बैग से एक जीवित दो मुंहा सांप(रेड सैंड बोआ) बरामद हुआ।

जिस सम्बन्ध में उक्त तीनों व्यक्तियों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा कोई संतोष जनक जबाव नही दिया गया,पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ की गई तो उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि यह सांप वो हरियाणा से लेकर देहरादून में ऊँचे दाम पर तांत्रिक क्रियाओं हेतु बेचने लाए थे, यह बहुत ऊंचे दामों पर बिकता है, इसकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत लगभग 1 करोड़ है तथा स्वयं को लाडवा गैंग को होना स्वीकार किया गया।

मौके पर वन विभाग की टीम को बुलाया गया। जिनके द्वारा बरामद सांप की पहचान रेड सैंड बोआ(एरिक्स जॉनी)
के रूप में की और बताया कि यह प्रजाति वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 यथा संसोधित 2022 की अनुसूची-1 के पार्ट सी सरीसर्प के क्रम संख्या 01 पर है तथा अधिनियम अंतर्गत संरक्षित है, इसका शिकार, व्यापार, संग्रहण व परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित एवं दंडनीय अपराध है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button