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विश्व ओरिएंटल मेडिसिन एवं एक्यूपंक्चर दिवस पर डॉ. निशी भट्ट ने बताया – प्राकृतिक ऊर्जा संतुलन से संभव है जटिल रोगों का उपचार

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विश्व ओरिएंटल मेडिसिन एवं एक्यूपंक्चर दिवस – 24 अक्टूबर

देहरादून, 24 अक्टूबर विश्व भर में 24 अक्टूबर को विश्व ओरिएंटल मेडिसिन एवं एक्यूपंक्चर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर धीअमृतम् (Dhiamrutam), देहरादून की डॉ. निशी भट्ट (D.O.M.A.) ने ओरिएंटल मेडिसिन और एक्यूपंक्चर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह चिकित्सा पद्धति शरीर की ऊर्जा प्रणाली को संतुलित कर संपूर्ण स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करने का प्राकृतिक और वैज्ञानिक तरीका है।

पिछले 15 वर्षों से डॉ. निशी भट्ट देश और विदेश से आने वाले हज़ारों रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार कर रही हैं। ब्रेन ट्रॉमा (Brain Trauma), चाइल्ड डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स और मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND/ALS) जैसे जटिल रोगों के उपचार में उन्होंने ओरिएंटल मेडिसिन और एक्यूपंक्चर थेरैपी के माध्यम से उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं।

डॉ. निशी भट्ट कहती है:

“ओरिएंटल मेडिसिन और एक्यूपंक्चर शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करने की एक सशक्त चिकित्सा प्रणाली है। ब्रेन ट्रॉमा के मामलों में यह तंत्रिका संरचना और पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाओं को सहारा देता है; बच्चों के विकास सम्बन्धी समस्याओं में यह न्यूरोफ़ंक्शन को बेहतर करने और व्यवहारिक सुधार में मदद करता है; तथा MND/ALS जैसे न्यूरोमस्कुलर रोगों में लक्षणों के प्रबंधन और जीवन गुणवत्ता में सुधार के लिए एक सहायक विकल्प प्रस्तुत करता है। दो दशकों से अधिक अनुभव और अनुसंधान-आधारित प्रैक्टिस के साथ हमने अनेक कठिन मामलों में सकारात्मक प्रगति देखी है, जो इस पद्धति की क्षमता को दर्शाती है।

ओरिएंटल मेडिसिन और एक्यूपंक्चर, शरीर को एक मशीन की तरह नहीं बल्कि एक जुड़े हुए तंत्र की तरह देखती है। यह इस बात पर काम करती है कि अगर शरीर में ‘ची’ (जीवन ऊर्जा) का बहाव रुक जाए, तो बीमारियाँ या पुराने आघात (trauma) पैदा होते हैं। हमारी चिकित्सा का लक्ष्य है इन रुकावटों को हटाना ताकि शरीर की अपनी हील करने की ताकत जागे और वह अंगों को फिर से बनाने लगे। हमने यह साबित किया है कि मिर्गी के दौरे रुकने से लेकर खोई हुई रोशनी वापस आने तक, यह तरीका बच्चों और बड़ों को जल्दी और असरदार ढंग से ठीक करता है, जहाँ बाकी इलाज काम नहीं करते।”

डॉ. निशी भट्ट

डॉ. निशी भट्ट एक प्रगतिशील और अग्रणी चिकित्सक हैं, जिन्हें 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने ब्रेन ट्रॉमा और जेनेटिक डिसऑर्डर्स जैसे जटिल न्यूरोलॉजिकल मामलों में ओरिएंटल मेडिसिन और एक्यूपंक्चर के माध्यम से समग्र उपचार प्रणाली विकसित की है।

लंदन में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. निशी भट्ट को बहुसांस्कृतिक वातावरण ने विश्व की विभिन्न चिकित्सा परंपराओं को समझने की प्रेरणा दी। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ उन्होंने यह महसूस किया कि उपचार केवल लक्षणों तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि पूरे व्यक्ति की समग्र अवस्था को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। यही दृष्टिकोण उनके उपचार का आधार बना।

वे न्यूरो-रीहैबिलिटेशन और प्रिवेंटिव थेरेपीज़ में एकीकृत चिकित्सा प्रणाली विकसित कर रही हैं, जिसमें मोटर न्यूरॉन थेरेपी, न्यूरोप्लास्टिसिटी तकनीक, और एनर्जी-बेस्ड बॉडीवर्क शामिल हैं। यह समग्र पद्धति मरीजों को मोटर फ़ंक्शन पुनर्स्थापित करने में मदद करती है और मुख्यधारा चिकित्सा का प्राकृतिक विकल्प प्रदान करती है।

उनकी चिकित्सा में लगभग 15 विभिन्न पद्धतियाँ शामिल हैं जैसे एनर्जी वर्क, डाइटरी काउंसलिंग, न्यूट्रिशनल मेडिसिन, फ्लावर रेमेडीज़ और लाइफस्टाइल एजुकेशन। उनके उपचार से वेस्ट सिंड्रोम, एटैक्सिया, ऑटिज़्म, HIE, सेरेब्रल पाल्सी, एपिलेप्सी, न्यूरोनल डैमेज, हॉर्मोनल और स्लीप डिसऑर्डर्स जैसे मामलों में सुधार देखा गया है।

Awards: International Atal Award 2024, Honorary Doctorate 2024, Uttarakhand Titans Award 2025, Devbhoomi Excellence Award 2025

धीअमृतम् (Dhiamrutam)

धीअमृतम्, देहरादून की स्थापना डॉ. निशी भट्ट ने अप्रैल 2025 में की थी। यह एक Natural Healing Center है जो 16 से अधिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्रदान करता है। धीअमृतम् का उद्देश्य है- प्राकृतिक उपचार के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को पुनर्स्थापित करना। यहाँ देश-विदेश से आने वाले मरीजों को न्यूरोलॉजिकल, जेनेटिक और डेवेलपमेंटल डिसऑर्डर्स के लिए समग्र और वैकल्पिक चिकित्सा प्रदान की जाती है।

डॉ. भट्ट Naadi Yoga, Dehradun की सह-संस्थापक भी हैं।

 

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