देहरादून। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। वहां रह रहे भारतीयों को स्वदेश लाने की कोशिशें चल रही हैं। इस बीच उत्तराखंड के छात्र भी वहां फंसे हुए हैं। देहरादून के रहने वाले छात्र सूर्यांश की मां रश्मि बिष्ट ने अपने बेटे सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है। वहीं अंजू सिंह व प्रीति पोखरियाल ने भी अपने बच्चों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। तीनों छात्र-छात्राओं की माताओं ने इसके लिए एक वीडियो भी जारी किया है।
देहरादून के केंद्रीय विद्यालय-2 हाथीबड़कला में तैनात शिक्षिका रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश भी यूक्रेन के लिवीव मेडिकल विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जिस तरह के हालात हैं, रश्मि को बेटे की चिंता सता रही है। सूर्यांश ने काफी जद्दोजहद के बाद 27 फरवरी का टिकट बुक कराया था, पर फ्लाइट रद हो गई।
रश्मि ने बताया कि लिवीव शहर पौलैंड की सीमा पर है। वहां स्थिति सामान्य है। नागरिकों से कहा गया है कि वह अपने राशन आदि का इंतजाम रखें। गुरुवार को सामान लेने गए उनके बेटे ने बताया कि हर तरफ अफरातफरी मची है। बाजार, एटीएम, सभी जगह कतार है। रश्मि और केंद्रीय विद्यालय-2 की अन्य दो शिक्षिका अंजू सिंह व प्रीति पोखरियाल ने एक वीडियो के माध्यम से केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को जल्द सकुशल वापस लाया जाए। अंजू की बेटी श्रेया खार्किव और प्रीति का की बेटी आस्था लिवीव में एमबीबीएस कर रही है।