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राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी से पूर्व पुरस्कार राशि में इज़ाफा करने की तैयारी में राज्य सरकार, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव

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देहरादून। 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रही उत्तराखंड सरकार राज्य के खिलाड़ियों को पदक लाने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने की तैयारी कर ली है। खेल निदेशालय ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। शासन में मंथन के बाद प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जा सकता है।

मौजूदा प्रावधान में ओलंपिक में स्वर्ण पदक लाने पर दो करोड़, रजत पदक लाने पर डेढ़ करोड़, कांस्य पदक लाने पर एक करोड़ रुपये और ओलंपिक में हिस्सा लेने पर 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि राज्य की ओर से देने का प्रावधान है। वहीं, राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक पर छह लाख, रजत पदक पर चार लाख और कांस्य पदक पर तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है।

प्रस्ताव शासन को भेजा गया
खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर ने अमर उजाला को बताया, राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं। यही खिलाड़ी आगे ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने पर मौजूदा पुरस्कार राशि को दोगुना करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

अबकी प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के चलते दून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी और टिहरी में खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं। राज्य के खिलाड़ी सभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। राज्य के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा पदक लाएं, इसके लिए निदेशालय की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के साथ उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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