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महज 26 की उम्र में नया इतिहास लिख गए निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार, डेढ़ लाख से ज्यादा वोट किए हासिल

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देहरादून। युवा आंदोलन से राजनीति में हाथ आजमाने उतरे बॉबी चुनाव नतीजे आते ही बड़े ‘पर्दे’ पर आ गए। जिन युवाओं के सहारे बॉबी ने चुनाव लड़ा उनके लिए बॉबी तीसरे नंबर पर रहकर भी जीत गए। परिणामों की ‘फिल्म’ चली तो उसमें बॉबी का प्रदर्शन देखने लायक था। शुरुआत के कई राउंड में बॉबी ने कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला को पास तक नहीं आने दिया।

जौनसार के बूथों की जब गिनती हुई तो जैसे बॉबी के पक्ष में वोटों की बारिश हो गई। हालांकि, शहर के बूथ जब गिने गए तो बॉबी दोनों छत्रपों की छांव में धुंधले पड़ने लगे। इसके बावजूद बॉबी हर किसी की उम्मीद से ज्यादा डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोट पा गए। परिणामों के बाद जनता के जो रुझान मिले उनसे लगा कि जौनसार को एक नया सितारा मिल गया।

उत्तरकाशी की तीनों विधानसभा में आगे रहे बॉबी

बता दें कि बॉबी पंवार बेरोजगार युवाओं के हक हकूक के लिए लड़ते हुए लाइम लाइट में आए थे। दो साल पहले परीक्षाओं में धांधली के जो मामले आए, उनमें बॉबी पंवार ने युवाओं के हक की पुरजोर लड़ाई लड़ी। बॉबी पंवार की अगुवाई में कई आंदोलन हुए जिनके कारण सरकार को भी कई बड़े फैसले लेने पड़े। युवाओं ने नए नकल विरोधी कानून लाने की मांग की। पिछले साल मार्च में हुए घंटाघर पर बड़े आंदोलन के बाद पंवार पर गंभीर धाराओं में मुकदमे भी हुए, लेकिन युवाओं ने उनका साथ नहीं छोड़ा।

शुरुआत में चर्चाएं हुईं कि शायद कांग्रेस बॉबी को अपना चेहरा बना सकती है, लेकिन कांग्रेस ने जोतसिंह गुनसोला को मैदान में उतारा। गुनसोला की जौनसार और आसपास की जनता में इतनी पकड़ नहीं थी। ऐसे में इसी क्षेत्र से आने वाले बॉबी पंवार को इसका फायदा मिला। पहले नंबर पर आईं भाजपा प्रत्याशी के बाद कई राउंड में दूसरे नंबर पर बॉबी पंवार रहे, लेकिन शहर क्षेत्र के मतदाताओं का साथ बॉबी को नहीं मिला। इसके बाद कई ऐसे राउंड भी आए जिनमें बॉबी को अच्छे खासे वोट पड़े। परिणाम जब पूरे हुए तो बॉबी थे तो तीसरे नंबर पर, लेकिन उन्हें मिले मतों का आंकड़ा किसी लोकप्रिय नेता के जैसा ही था

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