देहरादूनः क्रिकेट एसोसिशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) की द्वितीय वार्षिक आमसभा (एजीएम) की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। बिष्ट लाॅबी से जुड़े निवर्तमान कोषाध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी ने मार्च 2021 में हुई आमसभा को अवैध करार दिया। उन्होंने तर्क दिया कि पिछली एजीएम से पहले एपेक्स की बैठक नहीं हुई थी जबकि एपेक्स की बैठक में ही एजीएम की तारीख तय की जाती है। बिना एपेक्स बैठक के एजीएम किस आधार पर हुई यह सोचनीय विषय है। साथ ही नेगी ने गुरुग्राम क्रिकेट कांड में पूर्व सीईओ और सचिव की संलिप्तता पर भी सवाल खड़े किए। नेगी के सवालों का समर्थन सहसचिव अवनीश वर्मा, सदस्य ओपी सूदी और रोहित चैहान ने भी किया। बैठक में वेंडरों की देनदारी और एसोसिएशन की आर्थिक स्थिति पर भी तीखी नोकझोंक हुई।
इससे पहले कि मामला बढ़ता, अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला ने अपने पद की ताकत का अहसास कराते हुए सभी को चुप करा दिया। गुनसोला ने दो टूक कहा कि बेफिजूल की बातों में एजीएम का समय बर्बाद न करें। पिछली एजीएम से पहले एपेक्स की बैठक हुई थी और सभी सदस्यों को सूचित भी किया गया था। नाम सर्वाजनिक करते हुए गुनसोला ने कहा कि इन सदस्यों ने एजीएम का बहिष्कार किया था और वे बैठक में नहीं पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जब आप लोग पिछली एजीएम में शामिल ही नहीं हुए थे तो अब उन बातों को उठाने का कोई औचित्य नहीं है। पिछली एजीएम पूरी तरह से वैद्य है। जहां तक गुरुग्राम क्रिकेट कांड की बात है तो उसमें सभी आरोप बेबुनियाद हैं। इसके बाद बैठक में आगे की कार्रवाई शुरु की गई और एजेंडे में शामिल सभी बिंदुओं पर सर्वसम्मति से सहमति बनी।
महिम करेंगे सीएयू का प्रतिनिधित्व
बीसीसीआई की बोर्ड बैठकों में सीएयू का प्रतिनिधित्व एक बार फिर से सचिव महिम वर्मा करेंगे। उनके नाम पर अधिकांश सदस्यों ने सहमति जताई और उनका नाम ध्वनिमत से पारित किया गया। साथ ही खिलाडि़यों के कायदे कानून तय करने के लिए सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। बजट रेगुलराइजेशन और स्पांसरशिप लाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जिसमें संरक्षक मंडल में शामिल पूर्व सचिव पीसी वर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष एएस मेंगवाल और सदस्य राजीव दत्ता को रखा गया है। वहीं, एथिक्स अफसर और ओमबड्समैन की जिम्मेदारी एक बार फिर रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को दी गई है।
महज 15 मिनट में ही चल दिए बिष्ट
सीएयू के पूर्व अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट एजीएम में शामिल होने पहुंचे लेकिन बामुश्किल 15 मिनट में ही वे वापिस लौट गए। एक तरीकेे से बिष्ट ने केवल अपनी हाजिरी लगाई और अपने खेमे के सदस्यों की हौसलाअफजाई की। सूत्रों की मानें तो एसोसिएशन में मौजूदा समय पर वर्मा लाॅबी को बहुमत हासिल है। इसलिए विपक्षी खेमे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है। साथ ही बिष्ट के करीबी निवर्तमान कोषाध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी को पद पर से हटाने के बाद से दोनों ही गुटों में दूरियां और बढ़ गई हैं। यही वजह है कि न तो बिष्ट एजीएम में ज्यादा देर रुके और न ही उनकी लाॅबी के लोग सहभोज में शामिल हुए। अब सभी की निगाहें इस वर्ष होने वाले सीएयू के चुनाव पर टिकी हुई हैं। हालांकि, अभी तक दोनों ही गुट से किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले है।