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अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा

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अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों अभियुक्तों को उम्रकैद

धामी सरकार ने मामले में कोर्ट में की प्रभावी पैरवी

परिजनों की मांग पर तीन बार बदले गए सरकारी वकील

जांच को तेजतर्रार आईपीएस रेणुका देवी के नेतृत्व में गठित की एसआईटी

अंकिता हत्याकांड के तीनो आरोपियों कों सजा

तीनो आरोपियों कों आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा

देहरादून। अपर जिला न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उत्तराखण्ड की बेटी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह और उनकी सरकार शुरू से ही गंभीर रही है। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार ने कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखी।

घटना के बाद आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डालने के बाद कोर्ट में भी इस मामले में प्रभावी पैरवी की।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत ने दो वर्ष आठ महीने बाद अंकिता हत्याकांड के मामले में अपना फैसला सुनाया है।

अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 / 201 / 354 ए आईपीसी और धारा 3(1) डी आईटीपीए एक्ट में दोषी पाया गया है। अन्य दोनों अभियुक्तों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को धारा 302 / 201 आईपीसी व धारा 3 (1) डी आईटीपीए एक्ट में दोषी करार दिया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए अपने स्तर से हरसंभव कार्रवाई की है।

घटना की जांच के लिए राज्य की तेजतर्रार और कर्मठ आईपीएस अधिकारी डीआईजी पी रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी गई। आरोपियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने के साथ ही गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया।

कोर्ट में धामी सरकार की ओर से हर स्तर पर प्रभावी पैरवी की गई है। शासकीय अधिवक्ताओं के जोरदार विरोध पर आरोपियों की ओर से दाखिल की गई जमानत अर्जी हर बार खारिज कर दी गई।

यही नहीं अंकिता के परिजनों की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदल दिए गए। जांच दल ने मामले में 500 पन्नों की चार्ज शीट तैयार की । साथ ही 100 गवाहों के बयान भी शामिल किए गए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के परिजनों को भरोसा दिलाया था कि सरकार बेटी अंकिता को पूरा न्याय दिलाएगी। आज अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर यह उनका यह भरोसा पूरा हुआ है।

उत्तराखण्ड सरकार इस मामले में शुरू से ही अंकिता के परिवार के साथ खड़ी रही है। अंकिता के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद देने के साथ ही बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को सरकारी नौकरी दी गई है।

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