तो क्या राजनाथ भी अपने फ्लावर और फायर धामी पर लगाएंगे मुहर

देहरादून। राजनाथ सिंह चुनाव प्रचार के दौरान सीएम धामी को धाकड़ धोनी से लेकर फायर और फ्लावर धामी तक कह चुके हैं, तो क्या सीएम चयन में भी उनकी इन बातों का प्रभाव होगा या नहीं, यह देखना होगा। इधर, डा. रमेश पोखरियाल निशंक राजनाथ सिंह के काफी करीबी रहे हैं। 2007 में खंडूड़ी की जगह निशंक को सीएम बनाए जाने में राजनाथ का बड़ा हाथ रहा था। अगर विधायकों से बाहर किसी को सीएम बनाया जाता है तो तब राजनाथ धामी या निशंक में से किसके नाम पर रायशुमारी करने में सफल होते हैं, यह देखना होगा।
उत्तराखंड में दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा में मुख्यमंत्री चयन को लेकर सरगरर्मी तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं, यूपी में सीएम चयन की औपचारिकता पूरी करने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गई है।
दस मार्च को मतगणना के साथ भाजपा के पक्ष में आए जनादेश के बाद से मुख्यमंत्री पद को लेकर लाबिंग तेज हो गई थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने की वजह से भाजपा के सीएम पद की दावेदारों की बेहरिस्त लगातार लंबी हो रही थी। इस सूची में अभी तक सीएम धामी के अलावा सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, ऋतु भूषण खंडूड़ी के अलावा कई अन्य नाम भी जुड़ चुके थे। डा. रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, अनिल बलूनी का नाम भी लगातार चर्चाओं में है। इधर, विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान के नाम को लेकर भी लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं। अगर विधायकों में से ही सीएम चुनने का फैसला पार्टी फोरम में लिया जाता है तो फिर सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, ऋतु भूषण खंडूड़ी, विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान में से कोई एक सीएम बन सकता है। हालांकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व के मन में क्या है और पीएम मोदी और अमित शाह की पसंद ही यहां अंतिम होगी, ऐसे में राजनाथ के बतौर पर्यवेक्षक यहां पहुंचने और विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर चर्चा सिर्फ औपचारिकता होगी।