देहरादून। मोरी के ओसला में एक बीमार बुजुर्ग को डंडी पर लादकर ग्रामीणों को 16 किमी की पैदल दूरी नापकर बर्फीले रास्तों से होते हुए सड़क तक पहुंचे। इसके बाद सड़क मार्ग से अस्पताल पहुंचे तो यहां डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए और उन्हें देहरादून रेफर कर दिया।
मोरी विकासखंड के दूरस्थ गांव ओसला निवासी 58 वर्षीय कृपा सिंह बीमार चल रहे थे। दो दिन पहले कृपा सिंह की स्थिति गंभीर हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने बीमार को सड़क मार्ग तक पहुंचाने के लिए लकड़ी की डंडी-कंडी तैयार की। मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने बीमार बुजुर्ग को बर्फीले रास्ते से होते हुए तालुका तक पहुंचाया। 16 किलोमीटर लंबे बर्फीले रास्ते में कई स्थानों पर ग्रामीण बर्फ में फिसलते हुए बाल-बाल बचे। उन्होंने किसी तरह कृपा सिंह को सड़क तक पहुंचाया।
बुजुर्ग के साथ मौजूद ग्रामीण दिनेश कुमार, लायकराम, किशन सिंह आदि ने बताया कि तालुका से लेकर ओसला तक पूरे रास्ते में बर्फ की चादर बिछी हुई है। सुबह पैदल निकले ग्रामीणों को तालुका पहुंचने में छह घंटे से अधिक समय लग गया। ग्रामीणों ने बीमार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने मरीज को दून रेफर किया। जहां जौलीग्रांट अस्पताल में बुजुर्ग का उपचार चल रहा है। क्षेत्र में सड़क के अभाव में आज भी ओसला सहित ढाटमीर, पवाणी और गंगाड गांव के ग्रामीण बीमार होने पर जिंदगी और मौत से जूझते आ रहे हैं। इन दिनों बर्फ पड़े होने की वजह से स्थानीय लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।