देहरादून। उत्तराखंड एसएससी परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इस मामले में एसटीएफ ने छह आरोपी गिरफ्तार किए हैं। इनसे 37.10 लाख रुपये बरामद किए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि परीक्षा आयोजन से जुड़ी तकनीकी फर्मों ने ही पेपर लीक कराया था।
उत्तराखण्ड राज्य में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग उत्तराखण्ड ने वर्ष 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाएं कराई थीं। इसमें राज्य के 1.60 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया था। परीक्षा के बाद कई संगठनों ने गड़बड़ी की आशंका जताई दी। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे।
रायपुर थाने में दर्ज मुकदमें की जांच स्पेशल टास्क फोर्स की दी गई। टास्क फोर्स की अलग-अलग टीमों ने इस मामले में छह आरोपियों की गिरफ्तारी की है। पुलिस के मुताबिक मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी(पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया। इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था।
दूसरा आरोपी जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पण्डितवाड़ी, थाना कैण्ट, देहरादून आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रालि के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत् था तथा उक्त कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे जिस कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी उपरोक्त से हुई थी।
एसएससी आयोग कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी ग्राम पाटी, जिला चम्पावत का भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी हेतु आना-जाना लगा रहता था जिस कारण उसकी पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी। चंपावत निवासी मनोज जोशी अभियुक्त कुलवीर सिंह चैहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर के करनपुर डालनवाला में संचालित डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट से कोचिंग ले रहा था। कुलवीर ने ही मनोज जोशी को शूरवीर सिंह चैहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी से मिलवाया। साथ ही किच्छा में प्राइवेट स्कूल में तैनात गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह से जानपहचान हुई। इन्होंने मिलकर मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से मिलकर पेपर लीकर करवाने के एवज में 60 लाख रुपये दिए।
जयजीत दास यूकेएसएससी में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था। जिसे वह आरोपियों तक पहुंचाता था। टीम ने जयदीप की निशानदेही पर37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया है।