
देहरादून। हिस्ट्रीशीटर जितेंद्र रावत उर्फ जित्ती का नाम एक बार फिर चर्चा में आया है। इस बार भी उस पर डरा धमकाकर 15 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगा है। मामले में उसके खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जित्ती के खिलाफ रायपुर थाने में भी पिछले साल मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्तमान में वह जमानत पर बाहर है।
नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी प्रदीप चौहान ने बताया कि जितेंद्र रावत हरिद्वार जेल में बंद था। करीब दो माह से जमानत पर बाहर है। मुकेश कुमार निवासी छह नंबर पुलिया, देहरादून ने तहरीर देकर बताया कि वह मीट की दुकान चलाते हैं। उनके भाई उमेश कुमार ने सुरेश सिंह से 43 लाख में एक जमीन थानो में ली थी। इसके एवज में 28 लाख रुपये दिए थे। बकाया 15 लाख रुपये रजिस्ट्री के कुछ समय बाद देने थे लेकिन वह बकाया नहीं दे पाए। सुरेश सिंह ने पैसे ना मिलने पर आपसी सहमति से रजिस्ट्री रद्द करा दी। इसके बाद उमेश को 28 लाख रुपये वापस देने का आश्वासन दिया गया। कुछ समय बाद उमेश पैसे लेने गए तो सुरेश सिंह ने तीन दिन का समय मांगा। आरोप है कि 21 अप्रैल को मुकेश के पास जितेंद्र सिंह रावत निवासी छह नंबर पुलिया का व्हॉट्सएप कॉल आई।
उसने खुद को बदमाश जितेंद्र उर्फ जित्ती बताया और धमकी दी। कहा गया कि सुरेश सिंह से अपना पैसा न मांगे। साथ ही बचा हुआ 15 लाख भी रंगदारी के रूप में दे दे। नहीं तो परिवार को जान से मरवा देगा। आरोप है कि 21 अप्रैल को जित्ती ने मुकेश को तीन बार धमकी भरे फोन किए और परिवार की जान बचाने के लिए पैसों की मांग की गई। इस से पूर्व भी मोनू निवासी डीएल रोड ने मुकेश को मोबाइल नंबर से कॉल कर खुद को जित्ती का आदमी बताकर धमकाया और पैसों की मांग की। बताया कि मुकेश की दुकान पर राज निवासी नत्थनपुर सहित अन्य व्यक्ति आते हैं जो खुद को जित्ती का आदमी बताते है और पैसों की मांग करते है। थाना प्रभारी प्रदीप चौहान ने बताया कि जितेंद्र रावत, मोनू, नवीन राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।