“पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर मुख्यमंत्री Pushkar Singh धामी, अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड सहित उपस्थित गणमान्य महानुभावों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने देहरादून पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर शहीद हुए पुलिसकर्मियों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड पुलिस बल के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।
पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु आगामी वर्ष में रू0 100 करोड़ दिया जायेगा। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत कार्मिकों के पौष्टिक आहार भत्ते में रू0 100/- की वृद्धि।
उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत निरीक्षक से सहायक उप निरीक्षक पदधारकों के वर्दी भत्ते की वर्तमान दर में रू0 3,500/- की वृद्धि।
9,000 फिट से अधिक ऊँचाई पर तैनात पुलिस कर्मियों/एस0डी0आर0एफ0 कर्मियों को प्रदान की जा रही उच्च तुंगता भत्ते की वर्तमान दर में रू0 200/- प्रतिदिन के स्थान पर रू0 300/- प्रतिदिन किया जाना।
क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस- 21 अक्टूबर 1959 का दिन था, लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग के पास ब्त्च्थ् (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की पेट्रोलिंग पार्टी के तीन ऑफिसर्स को भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सैनिकों ने अपनी हिरासत में ले लिया, अगले दिन जब उनकी तलाश में सीआरपीएफ की टीमें गई तो उन पर पहले से घात लगाकर बैठे चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी । सीआरपीएफ के जवानों ने भी उस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया लेकिन उस अचानक हुए हमले में सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए तथा सात अन्य जवान घायल हो गए, उसी दिन से उन 10 वीर सीआरपीएफ जवानों की शहादत को याद करते हुए प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारतवर्ष में अपने कर्तव्य पथ पर प्राणों की आहुति देने वाले शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धान्जलि अर्पित करने हेतु 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।