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पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन आसियान देशों के साथ संबंधों को और गहरा करने का अवसर-प्रधानमंत्री

आसियान-भारत सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी 10वीं बार हिस्‍सा लेंगे।

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आसियान-भारत सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी 10वीं बार हिस्‍सा लेंगे। वह आसियान देशों के अन्‍य शासनाध्‍यक्षों के साथ भारत और आसियान के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और परस्‍पर संबंधों की दिशा भी तय करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लेने के लिए लाओस की उनकी यात्रा आसियान देशों के साथ संबंधों को और गहरा करेगी।

लाओस रवाना होने से पहले अपने जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि भारत इस साल ‘‘एक्ट ईस्ट’’ नीति का दशक पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करूंगा और हमारे सहयोग की भविष्य की दिशा तय करूंगा।’’

उन्होंने कहा कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा। मोदी ने कहा कि लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) समेत क्षेत्र के साथ भारत के करीबी, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं जो बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लाओ पीडीआर नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सके।’’ मोदी लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्‍से सिफनाडोन के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर आज विएंतियाने पहुंच जाएंगे।

इस दौरान वह 21वें आसियान-भारत शिखर सम्‍मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे। आसियान-भारत सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी 10वीं बार हिस्‍सा लेंगे। वह आसियान देशों के अन्‍य शासनाध्‍यक्षों के साथ भारत और आसियान के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और परस्‍पर संबंधों की दिशा भी तय करेंगे।

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